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विश्व गौरैया दिवस 20 मार्च पर कविता :


  



                                             

                            

घर की गौरैया

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किसे देखती हो तुम गौरैया
कौन तुम्हें बुलायेगा 
गंगा को भागीरथ लाये 
तुम्हें कौन ले आयेगा
आज दुनिया ऑनलाइन है
किसके पास आज टाइम है
चाँद मंगल पर पानी ढू़ढ़ते
घर की गौरैया गायब है |

किसे ढू़ढ़ती हो तुम गौरैया
कौन दाना तुम्हें चुगायेगा
हाथी को ले आये थे भीम
तुम्हें कौन ले आयेगा
दुनिया आज स्वार्थी है          
तुमसे वो क्या पायेगा
परग्रही पूर्वजों को ढू़ढ़ते
घर की गौरैया गायब है |

किसे सोचती हो तुम गौरैया
कौन तुम्हें पुकारेगा
कामधेनु को ले आये थे मुनि
आज तुम्हें कौन ले आयेगा
दुनिया आज प्रपंची है पर
कुछ दुधवा वाले चिंतित है
महामशीन से कंण ढू़ढ़ते
घर की गौरैया भी लायक है |


स्वलिखित रचना
ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
जिला - औरैया
उत्तर प्रदेश










       









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