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तुम बिन अब न जीना...

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कन्हैया जी मुझे तुम बिन अब न जीना

इतने बरस प्रभु बीत गए 

कब तक राह तकूँ मैं 

अब,समाज भी हँसने लगा है मुझ पर

जुदाई का ज़हर अब न पीना 

      कन्हैया जी मुझे तुम बिन अब न जीना

पंक्षी बना दो मुझे श्याम सुन्दर 

बोलो कहाँ उड़ आऊं

अब न तुम आजमाओ जी हमको

छलिया तेरा छल अब न सहना

       कन्हैया जी मुझे तुम बिन अब न जीना

रोम-रोम मेरा तुझे पुकारे

सब कुछ तेरे चरणों मैं अर्पण 

अब,तू ही मेरी बन जा धड़कन
 
कान्हा इतना बस करना

       कन्हैया जी मुझे तुम बिन अब न जीना....


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                आकांक्षा सक्सेना

                    औरैया,उत्तर प्रदेश   

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